Thursday, September 20, 2012

काश मैं तुमसे कह पाती...........

Whenever I see you, I forget everything about my existence at that moment, totally!!!....let alone my objective of approaching you...yeah quite a sight and very common and phenomenal. I used to have such moments, however those who have sealed their lips at such moments have a lot to say!!!.....Just try me!!....

काश मैं तुमसे कह पाती .......

    काश मैं तुमसे कह पाती
    वो सारी बातें झिलमिल सी
    पल पल मन में जो चलती हैं
    वो सारी बातें मेरे दिल की
           काश मैं तुमसे कह पाती .....................
   
    मन मुझको रोक लेता है
    जब भी कुछ कहने चलती हूँ
    जब हो जाते हो दूर कभी
    तब सपने बुनने लगती हूँ
          काश मैं तुमसे कह पाती .....................

   मै भूल के भी न भूल सकी
   ऐसी क्यूँ है याद तुम्हारी
   मै दूर जा के भी पास रही
   है कौन सी सौगात तुम्हारी
          काश मैं तुमसे कह पाती .....................

   शायद मै खामोश सी
   यूँ ही जीवन भर रहूँ
   तुम मुझको छोड जाओगे
   ये सोच के मै चुप रहूँ
         काश मैं तुमसे कह पाती .....................

   कभी भूल से भी तुम,
   मेरे इतने पास न आ जाना
   की मेरी अनकही भावनाएं समझ,
   ख़ामोशी के ये प्यारे
   रिश्ते भी मुझसे तोड़ जाना।।


No comments:

Post a Comment