Friday, September 21, 2012

साथ....Forever in this journey ...

Journey with a perfect partner is always mesmerizing and cherishing ... Do you all agree? I think so, when you have someone beside you, you've always longed for, the journey, however tiresome, troubled, forlorn or long...seems just right, it just passes away heartily... With the right fellow traveler,  you wish..You just wish, it would never ever end and go on and on and ON...

साथ 

एक हुईं थी राहें, 
याद है वो पल 
हमसफ़र बन एक साथ 
निकले थे सफ़र पर 

मन में उमंग, दिल में तरंग 
नयी आकांक्षाएं ले कर 
बस एक लक्ष्य और एक आस 
की हम होंगे सफल 

एकाकी मन हुआ चेतन 
खुशियों से भर गया गगन 
साथ था तुम्हारा अमूल्य धन 
आत्मविश्वास से भर गया मन 

धीरे धीरे और खुले 
एक दुसरे से हम 
साथ साथ ही चलते 
साथ ही जाते थम 

कितनी अपनी खुशियाँ बांटी 
और बांटे कितने ग़म 
सूरज की किरणें बाँधी 
और दूर भगाए तम 

कभी छूटा , कभी छोड़ा था हाथ 
एक दुसरे पे कई बार किये आघात 
पर जिस क्षण भी हुई रात 
पाया एक दुसरे को साथ 

इस साथ में सिमटा संसार सारा 
सारे नियमों को हमने पाला 
जो दुखता है थोड़ा थोड़ा 
गलतियों का है छाला 

लेकिन सच में मंजिल से ज्यादा 
साथ तुम्हारे, रास्ता मुझको है प्यारा 



Thursday, September 20, 2012

काश मैं तुमसे कह पाती...........

Whenever I see you, I forget everything about my existence at that moment, totally!!!....let alone my objective of approaching you...yeah quite a sight and very common and phenomenal. I used to have such moments, however those who have sealed their lips at such moments have a lot to say!!!.....Just try me!!....

काश मैं तुमसे कह पाती .......

    काश मैं तुमसे कह पाती
    वो सारी बातें झिलमिल सी
    पल पल मन में जो चलती हैं
    वो सारी बातें मेरे दिल की
           काश मैं तुमसे कह पाती .....................
   
    मन मुझको रोक लेता है
    जब भी कुछ कहने चलती हूँ
    जब हो जाते हो दूर कभी
    तब सपने बुनने लगती हूँ
          काश मैं तुमसे कह पाती .....................

   मै भूल के भी न भूल सकी
   ऐसी क्यूँ है याद तुम्हारी
   मै दूर जा के भी पास रही
   है कौन सी सौगात तुम्हारी
          काश मैं तुमसे कह पाती .....................

   शायद मै खामोश सी
   यूँ ही जीवन भर रहूँ
   तुम मुझको छोड जाओगे
   ये सोच के मै चुप रहूँ
         काश मैं तुमसे कह पाती .....................

   कभी भूल से भी तुम,
   मेरे इतने पास न आ जाना
   की मेरी अनकही भावनाएं समझ,
   ख़ामोशी के ये प्यारे
   रिश्ते भी मुझसे तोड़ जाना।।


Saturday, September 15, 2012

हिंदी दिवस (के उपलक्ष्य में )

हिंदी दिवस (के उपलक्ष्य में )

पर्व है सम्मान का
भारत के प्राण का
हिंदी के मान का
भाषाओँ के निर्वाण का
भविष्य के निर्माण का

कितनी मृदुल कितनी सरल
तरंग बहती रहती अविरल
सरिता का जैसे हो पर्याय
अचरज है हिंदी के रूप में
कितनी शीतलता समाये

भाषाएँ है अनेक, हिंदी बस एक
धर्म सम्प्रदाय निरपेक्ष
हिंदी एक आभास है
भारत के गीत संगीत
हिंदी ही श्वास है

हिंदी दिवस पे
हम सभी
ये प्रतिज्ञा उठाएं
हिंदी सबसे प्रतिष्ठित हो
उसे सर्वस्व बनाएं 


Monday, September 10, 2012

बंधन

Wishing is all that we can do, when fate turns the table on us.....Hoping for a miracle to happen..we all feel that what was binding us earlier was better than now being free from it, don't we??....

बंधन 

इस अँधेरे से निकलना
रौशनी के संग है चलना
फिर भी तमस के घनेरे
घेरों में घिरी मै ...

साथ तेरा ढूँढती हूँ
हाथ तेरा ढूँढती हूँ
यूँ न मुझको छोड़ जाना
मुझसे न मुँह मोड़ जाना

तुम गए तो सारे उजाले
साथ तेरे चल दिए
रिश्ता मेरी आँखों से यूँ
पल में वो बदल लिए

क्यों नहीं चित्कारती मै
क्यों नहीं उजाडती मै
क्यों आज़ाद करके मुझको
दे गए बंधन नए

बस , मुझे अब और तुम
मत कोई बलिदान दो
ले लो मुझसे जीवन मेरा
मेरी सांसें , मेरे प्राण लो

या फिर से उन्ही पुराने बन्धनों में बांध लो।।




Friday, September 7, 2012

लड़ाई

Lot of unwanted arguments runs in my mind, and so this poem....as it is aptly named...This irrelevant melodrama runs all the time in everyone's mind...and there is no escape. God! I feel I need to become a sage or something to win over, Why it has to be so??

लड़ाई 

हर बार सोचती हूँ
इस बार हरा दूँगी
मेरे जिद्दी मन को
इस बार सिखा दूँगी
हर बार की ये लड़ाई
खुद से ही लड़ कर
मै खुद को जिता दूँगी

                           पर हाय रे मन
                           है तो मेरा ही अपना
                           हर बार देख लेता है
                           एक सलोना सपना

जहाँ सच होता है सब कुछ
हाथ बढ़ा के पा लेती हूँ
जहाँ भी चाहूँ जा लेती हूँ
जो भी चाहूँ ,सचमुच
असम्भव नहीं कुछ
सब अपना बना लेती हूँ

                           सपना जी के ये मन
                           नहीं चाहता नींद ये खोना
                           स्वप्नलोक में जीवित रह के
                           वास्तविकता में मृत सा होना

न मन माने , न मैं मानू
मन की करूँ ,या खुद की जानू
कैसे समझाऊँ अब इसको
सब की किस्मत ऐसी नहीं होती
मन की आँखों के सपने
ज़िन्दगी की हकीकत नहीं होती
                         
                           


Thursday, September 6, 2012

नीलू ----Love Profound as a Blue Ocean

Feeling Blue (no pun)!!!...O Yes!, I once felt so blue....Blue is the color of  world's Best Lover...Lord Krishna....so everyone feels blue at  some part of their life...Blue Love..Here's how I depict love as Blue (serene, devoted and profound)

नीलू 

नील नयन
मैं नील मगन
नीला मन और नीला तन
नील नदी की मस्त लहर
नीली रात का पहला पहर
नीला चाँद , नीला सूरज
नीला हो गया चन्दन
नीली धरती , नीला अम्बर
नीली गई हवा छूकर
नीले पंछी , नीले मधुकर
नीलेश ही मेरे ईश्वर
नीलगिरी सा पावन
नीलांचल सा फैला सावन
नीली सांसें , नीला जीवन
नीले कृष्ण ही मनभावन
       बस नीली मृत्यु ही मैं पीलूँ
       मुझमे और  कोई रंग नहीं
             मैं  'नीलू'


Tuesday, September 4, 2012

दुश्मन

Humans can survive everything with faith, love and a True friend, however what if you receive the worst from the least expected.....Heartbroken ever.
Below is an outpour of one such moment of my lifetime....You'll feel the heat..

तम चाहे जितना हो गहरा .....रौशनी से दीप्त लेकिन
दमकती है छवि तुम्हारी, ख्यालों में मेरे आज भी .......

दुश्मन 

ये मेरा ग़म है
ये मेरे हैं घाव
तुम अपने निष्पाप हाथों से
इनको मत सहलाओ,

तुम चाहती हो, ये आज भरें
और कल फिर, तुम्हारी ही
किसी निःस्वार्थ भावना से
फिर हो उठे हरे ,

ग़लतफहमी मेरी ही थी,
खुद को फूलों के बीच पाया
तो भूल गई
इनमे होते है काँटे भी

मत छुओ मत छेड़ो इनको
ये सिर्फ घाव नहीं
हैं  वो निशानियाँ दोस्ती की
देता नही कोई दोस्त जिनको 

आंधियों से भी न जो डरी
हाँ , अडिग खड़ी रही
एक फूंक में बुझा दी तुने
वो शमा मेरे विश्वास की

तुम ले गई साथ अपने , मेरी प्रेरणा, मेरी दोस्ती
अब भी लेकिन तुमसे रिश्ता है ....दुश्मनी
 


Saturday, September 1, 2012

सब बंधन खोल दिए तुमने (for my teachers..Happy teacher's day)

As Teacher's Day is approaching, this one is for all my teachers, who, made me, "ME"....

सब बंधन खोल दिए तुमने .....

ज्ञान के संसार के
आकाँक्षाओं के आसमान के
जीवन के वरदान के
सब अमृत बोल दिए तुमने
सब बंधन खोल दिए तुमने ...

सोच के विचार के
रिश्तों के आचार के
उमंगों के संचार के
सब स्पंदन घोल दिए तुमने
सब बंधन खोल दिए तुमने ...

                       हम पंख फडफडाते ही रह जाते
                       उड़ने की कला जो न तुम सिखाते
                       हम उड़ के भी न उड़ पाते
                       संघर्ष जो न तुम हमें बताते
                       हम आज आसमानों में जो हैं
                       तुम्हारे ही आभारी हैं
                       तुम साथ रहे जो पग पग कल
                       आज हम उड़ने के अधिकारी हैं

ये जीवन जीने के लिए, दे दिए सपने नये
हम सभी झुके हैं चरणों में, करते है शत नमन तुम्हे
सब बंधन खोल दिए तुमने।।