Saturday, November 12, 2016

संतान


Dedicated to the magic God has bestowed us all with...mesmerise with peace it brings to be someone's child, to be a mother. Satisfaction of the highest accord....feel what i feel when I write about the beauty of this relationship!
संतान

धूप मेरी और छाँव तेरी
ये रिश्ता सीधा सादा
उलझन सारी खोल दूँ आ
रख ले सब आधा आधा

आँसू सारे दे मुझको
रख उतनी ही मुस्कान मेरी
यूँ भीगी हों मेरी पलकें
तू जग मे फैला मुस्कान मेरी

सौन्दर्य है तू और सँवर
नदियों का ले उन्माद अविरल
धारा है तू मै हूँ भँवर
गहराई मेरी तू उन्मुक्त उछल

चमके तू दीपक सा धवल
उस दीपक के तल का मैं तमस
जग को दे देना तू दिवाली
हर लूँ मै तेरी हर अमावस

पर हर रूप हर भेष मे
तेरा सुख ही मेरा निदान है
खुश हूँ मै तेरे हर सुख से
माँ हूँ मै, तू मेरी संतान है


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