Saturday, September 15, 2012

हिंदी दिवस (के उपलक्ष्य में )

हिंदी दिवस (के उपलक्ष्य में )

पर्व है सम्मान का
भारत के प्राण का
हिंदी के मान का
भाषाओँ के निर्वाण का
भविष्य के निर्माण का

कितनी मृदुल कितनी सरल
तरंग बहती रहती अविरल
सरिता का जैसे हो पर्याय
अचरज है हिंदी के रूप में
कितनी शीतलता समाये

भाषाएँ है अनेक, हिंदी बस एक
धर्म सम्प्रदाय निरपेक्ष
हिंदी एक आभास है
भारत के गीत संगीत
हिंदी ही श्वास है

हिंदी दिवस पे
हम सभी
ये प्रतिज्ञा उठाएं
हिंदी सबसे प्रतिष्ठित हो
उसे सर्वस्व बनाएं 


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